नाईट कर्फ्यू
कोविड का छाया ऐसा असर, हर तरफ अंधेरा हो गया!
अब आशिक नही दिखते गलियों में,हर जगह नाईट कर्फ्यू का पहरा हो गया!!
पहले जब आते थे आफिस से,तो चहल-पहल ही दिखती थी!
अब हर चौपाल-चौराहे पर,वर्दी वालो का फेरा हो गया!!
ना पावभाजी की दुकान है अब, ना पानी-पुरी का ठेला है!
अब हर गली सन्नाटा है, हर नुक्कड़ घोर अंधेरा है!!
ना नर दिखते, ना नारी ही, ना दिखते बच्चों के डेरे!
अब नजर जहां तक जाती है,वहा श्वानो का डेरा हो गया!!
कोविड का छाया ऐसा असर, हर तरफ अंधेरा हो गया!!
✒✒रिम्पी चौबे✒✒