संविधान
मैं संविधान हूं,
भारत के हृदय की आवाज हूं,
संपूर्ण विश्व मैं बजता है जिसके नाम का डंका ,
मैं उसी भारत देश का संविधान हूं।
9 महीने में एक शिशु का जन्म हो जाता है,
2 वर्ष 11 महीने 18 दिन मुझे बनने में समय लग जाता है,
अनेकों भाषा, सैकड़ों विधि, हजारों विधान है
सब को मिलाकर, जिसका जन्म होता है, उसका नाम संविधान है।
सर्वोच्च कानून हूं मैं, सर्वोच्च विधान हूं मैं,
जो भारत को भारत से जोड़ें,
ऐसा एक संविधान हूं मैं।